Handwriting is the study of all graphic movement ; it is not simply “handwriting analysis”. It studies doodles,drawings .sculptures and paintings in order to gain insight into the physical,mental and emotional states of the client.
It is not just a physical process of writing your thoughts and feelings on paper. It is what you consciously think ,yet it is motivated by a subconscious Ideomotor response reflecting your behavior and personality traits.
हस्तलेख विश्लेषण के विज्ञान को ग्राफोलाॅजी कहते हैं। मनोविज्ञान सिद्धान्तों पर आधारित हस्तलेख का यह अध्ययन हमें व्यक्ति के स्वभाव, प्रकृति, चारित्रिक प्रवृत्तियों, मानसिकता, उसके व्यक्तित्व के विकास और उसकी शिक्षा आदि के बारे में बताता ह। ग्राफोलाॅजी को विज्ञान सदियों पहले ही स्वीकार कर चुका है लेकिन जन साधरण में वह पिछले कुछ सालों से ही प्रचलन में आया और उसका उपयोग आरंभ हुआ है।
लिखावट की विशेषता |
व्यक्तित्व पर प्रभाव |
---|---|
1.अक्षरों व शब्दों के बीच की दूरी |
मन की स्थिति |
2.अक्षरों का झुकाव |
लगाव कैसा और किस ओर |
3.शब्दों का आकार |
ध्यानाकर्षण शक्ति |
4.लिखावट की शैली |
बुद्धि का स्तर |
5.कागज का दबाव |
संवेदना व भावुकता |
6.पंक्तियों के बीच की दूरी |
विचार व्यक्त करने की क्षमता |
7.लेख की गति |
ऊर्जा का प्रवाह |
8.हाशिया |
अनुपातिक ज्ञान |
9.आरंभ का अक्षर |
व्यक्ति के रुझान की दिशा |
10.अक्षरों की समानता |
मानसिक विकास |
11.घुंडियां या मात्राओं की आकृति |
स्वभाव |
12.वाक्य चिन्ह |
समझ या विवेक |
13.लयात्मकता |
परिपक्व मस्तिष्क |
14.हस्ताक्षर |
व्यक्तिगत चारित्रिक प्रवृति |
Handwriting sample will show the writer’s motivation,personality ,current or future behavior ,mood of the moment,suggestibility and sexuality , emotional state of mind and life script.