ज्योतिष, वास्तु और पंचतत्व

ज्योतिष (कुण्डली) एवं वास्तु दोनों ही विधाएं पंच तत्व और चित दशा पर आधारित है। (जिनके द्वारा हमारा निर्माण हुआ है) इन्ही पंच तत्वों के असंतुलन को ही हम खराब दशा कहते है। और यही पंचतत्व जब वास्तु पुरुष में अनुचित स्थानों पर स्थापित कर दिये जाते है ते भी जीवन असंतुलित हो जाता है।

उदारहण के तौर पर -

  1. मेष, सिंह, धनु - यह अग्नि तत्व की राशियां है।
  2. वृषभ, कन्या, मकर - यह पृथ्वी तत्व की राशियां है।
  3. मिथुन, तुला, कुम्भ - यह वायु तत्व की राशियां है।
  4. कर्क,वृशिक,मीन - यह जल तत्व की राशियां है।